JEE-NEET परीक्षा टालने के लिए सड़क पर उतरी NSUI, छात्रों का ब्लैक डे कल
By: Pinki Wed, 26 Aug 2020 1:48:15
कोरोना काल में जेईई और नीट परीक्षा (JEE and NEET Exam) को टाले जाने को लेकर विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कुछ छात्रों ने घर पर रहकर ही इसका विरोध करने का फैसला किया है। वहीं, परीक्षा को टालने के लिए कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। दिल्ली स्थित शास्त्री भवन के बाहर एनएसयूआई के कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। दरअसल, मोदी सरकार इन दोनों परीक्षाओं को तय समय पर कराने की जिद पर अड़ी है। गौरतलब है कि जीएसटी, NEET और JEE परीक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है। इस वर्चुअल मीटिंग में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी शामिल है।
छात्रों का ब्लैक डे कल
27 अगस्त को छात्र सुबह 8 बजे से घर से ही परीक्षा करवाए जाने का विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान छात्र घर से ही काले झंडे दिखाएंगे, हाथों और माथे पर काले पट्टे पहनेंगे, काले मास्क पहनेंगे और अपनी प्रोफाइल पिक्चर को भी काला करेंगे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने मंगलवार को पुष्टि की कि NEET और JEE परीक्षा स्थगित नहीं की जाएगी और निर्धारित समय पर होगी। एनटीए अधिकारियों ने कहा कि JEE और NEET परीक्षा सितंबर में आयोजित की जाएंगी। JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक होगी, तो वहीं NEET की परीक्षा 13 सितंबर को होगी।
इस बीच शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक इंटरव्यू में कहा, 'हमारे लिए छात्रों की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। छात्रों को ट्रैवल में किसी भी प्रकार की परेशानी न आए, इसके लिए NTA ने ऑप्शनल परीक्षा केंद्र दिए हैं। हमने ऐसी व्यवस्था की है कि हर केंद्र पर लगभग 100 से 150 छात्र होंगे।'
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
बता दें कि परीक्षा करवाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में छात्रों के स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा करवाने का आदेश दिया। इसके बाद से लगभग यह बात तय हो गई थी कि जेईई और नीट की परीक्षा करवाई जाएगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विरोध नहीं थमा और ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करनी चाहिए ताकि छात्रों को मानसिक दबाव से निकाला जा सके।